श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन खुलने का समय और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी!

banke bihari mandir vrindavan श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन

Banke bihari mandir vrindavan: बांके बिहारी मंदिर वृंदावन सिर्फ मंदिर नहीं है बल्कि भक्ति, प्रेम और आध्यात्मिकता का केंद्र भी है। यह भगवान कृष्ण के शाश्वत आकर्षण का जीवंत प्रमाण है, जो दूर दूर से भक्तों को प्यारे बांके बिहारी के दिव्य आकर्षण का अनुभव करने के लिए आकर्षित करता है।

बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण त्रिभंग मुद्रा में खड़े हैं जो तीन कोणों पर झुके हुए हैं। तीन स्थानों पर झुके होने के कारण उनका नाम बांके बिहारी पड़ा। मूल रूप से भगवान कृष्ण की इस मूर्ति की पूजा निधिवन में की जाती थी और उन्हें ‘कुंज बिहारी’ कहा जाता था। जिसका अर्थ है ‘वह जो वृन्दावन या कुंज के उपवनों का आनंद लेता है।

श्री बांके बिहारी मंदिर का निर्माण वर्ष 1862 में भगवान कृष्ण और राधा रानी के परम भक्त स्वामी हरिदास जी ने करवाया था। स्वामी हरिदास जी को भगवान की सखी ललिता का अवतार माना जाता था। हरिदास जी को भगवान कृष्ण ने राधा रानी के साथ निधिवन में साक्षात दर्शन दिए थे। दर्शन देने बाद भगवान श्री श्यामा श्याम बांके बिहारी जी की एक काली आकर्षक मूर्ती में विलीन हो गए, जिनकी आज भी मंदिर में पूजा की जाती है।

श्री बांके बिहारी मंदिर खुलने का समय

बांके बिहारी की आरती और दर्शन करने का समय इस प्रकार है:

होली दौज से दीवाली दौज से
दर्शन का समय 7:45am से 12:00pm 8:45am से 1:00pm
श्रंगार आरती 7:55am 8:55am
राजभोग आरती 11:55am 12:55am
दर्शन का समय 5:30pm से 9:30pm 4:30pm से 8:30pm
शयन भोग आरती 9:25pm 8:25pm

श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के दर्शन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

1. मंदिर परिसर की पवित्रता और मर्यादा बनाए रखें।

2. मंदिर में जूते चप्पल पहनकर न जाएं और न ही भारी बैग इत्यादि लेकर जाएं। जूता चप्पल के लिए बाहर जगह जगह पर स्टैंड हुए हैं। इसके अलावा जूता-चप्पल कुछ दुकानदार भी रख लेते हैं जो प्रसाद बेचते हैं।

3. मंदिर परिसर के बाहर बंदरों से सावधान रहें क्योंकि बंदर चस्मा, वीडियो बनाते समय मोबाइल फोन और कैमरे छीन ले जाते हैं।

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के दर्शन का सबसे अच्छा समय

पवित्र शहर मथुरा और वृन्दावन में गर्मियों में तापमान अधिक होता और जनवरी में सर्दी अधिक होती है। इसलिए बांके बिहारी मंदिर के दर्शन करने के लिए सबसे अनुकूल समय अक्टूबर से दिसंबर और फरवरी से मार्च तक है। वर्ष के इन महीनों में तापमान मध्यम श्रेणी में रहता है जो भक्तों की यात्रा सुखद बनाता है।

श्री बांके बिहारी मंदिर वृंदावन कैसे पहुंचे?

वृन्दावन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। श्री बांके बिहारी मंदिर परिवहन के विभिन्न माध्यमों द्वारा पहुंचा जा सकता है, जो निम्नलिखित हैं:

वायु मार्ग: आगरा के हवाई अड्डा मंदिर से लगभग 75 किमी और दिल्ली में स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा 150 किमी दूर है। हवाई अड्डे से बस, ट्रेन या निजी कैब करके भी पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग: मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन (MTJ) मंदिर से 13 किमी दूर स्थित है, जो मथुरा को देश के लगभग सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जोड़ता है। स्टेशन से बाहर निकलते ही मंदिर पहुचने के लिए e-रिक्शा और ऑटो रिक्शा मिल जाते हैं।

सड़क मार्ग: मंदिर से 11 किमी दूर उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन का बस स्टैंड है, जहां से उत्तर के अन्य शहरों, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों से जुड़ा हुआ है। बस स्टैंड से मंदिर के लिए e-रिक्शा और ऑटो रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं।

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के पास के अन्य आकर्षण

1. श्री राधा मदन मोहन मंदिर: बांके बिहारी मंदिर से 1.5 किमी दूर स्थित श्री राधा मदन मोहन मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने और पूजनीय मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में श्री कृष्ण को मदन मोहन के रूप में पूजा जाता है।

2. प्रेम मंदिर: बांके बिहारी मंदिर से प्रेम मंदिर की दूरी 3.2 किलोमीटर है। भगवान कृष्ण और उनकी दिव्य पत्नी देवी राधा को समर्पित एक अत्यंत प्रतिष्ठित मंदिर है। मंदिर अपनी लुभावनी वास्तुकला, जटिल नक्काशी और भक्तिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।

3. निधिवन: बांके बिहारी मंदिर से लगभग 3.2 किलोमीटर दूर स्थित निधिवन एक रहस्यमय उपवन है जो भगवान कृष्ण की कथाओं और रहस्यों से भरपूर है। निधिवन तीर्थयात्रियों और भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक रहस्यमय और पवित्र गंतव्य है।

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन लोकेशन

बिहारी पुरा, रमण रैती, वृंदावन, उत्तर प्रदेश 281121. गूगल मैप पर लोकेशन देखने के लिए ‘view larger map’ पर क्लिक करें। 

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